03 अक्तूबर, 2009

साइनस, कफ़, श्वांस, पीनस व् सिरदर्द के लिए उपचार

* एक ग्राम रीठा चूर्ण + २-३ ग्राम त्रिकटु (सौंठ, काली मिर्च, पीपल चूर्ण)
इनको ५० ग्राम पानी मैं डालकर रखें। प्रात: ज़ल को निथार कर एक शीशी में भरकर रखें।
इस जल kee ४-५ बूँद khaalee पेट rojanaa नाक में daalne से अन्दर jamaa huya कफ़ बाहर निकल jaataa है। इस से nsaarandhra खुल jate हैं और सिरदर्द में bhee turant labh pahunchta है.

पुरानी खांसी


* दिनभर में ५ से ७ काली मिर्च धीरे-धीरे चूसने से खांसी में पहले ही दिन लाभ मिलता है।
एक बार में २-३ काली मिर्च मुहं में डालकर चूसें ।

मोटापा एवं मधुमेह नाशक दलिया

* ५०० ग्राम गेंहू, ५०० ग्राम बाजरा, ५०० ग्राम चावल, ५०० ग्राम साबुत मूंग।
सभी को बराबर-बराबर लेकर सेक लें और दलिया बना लें। इसमें २० ग्राम अजवायन तथा ५० ग्राम सफ़ेद तिल भी मिला लें। जब दलीय पकाना हो तो तब आवश्यकतानुसार लगभग ५० ग्राम डालिए को ४०० ग्राम पानी मैं पकाएं। स्वामी रामदेव जी का कहना है कि नियमित रूप से १५-३० दिन तक इस दलिए का सेवन करने से मधुमेह समाप्त हो जाता है।
मोटापे से पीड़ित ह्रदय रोगी इस दलिए का नियमित सेवन कर अपना वज़न कम कर सकते हैं.

मधुमेह (डायबिटीज़) के लिए घरेलू उपचार


१- एक खीरा, एक करेला और एक टमाटर...तीनो का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पीने से मधुमेह नियंत्रित होता है।
२- जामुन की गुठली का पाउडर एक-एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी से लेने से मधुमेह नियंत्रित होता है।
३- नीम के सात पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर या पीसकर पानी के साथ लेने से मधुमेह में आराम मिलता है।
४- सदाबहार के सात फूल खाली पेट जल के साथ चबाकर पीने से मधुमेह में आराम मिलता है।
५- जामुन, गिलोय, कुटकी, निम्ब पत्र, चिरायता, कालमेघ, सूखा करेला, काली जीरी, मेथी इनको समान मात्रा मैं लेकर चूर्ण कर लें। यह चूर्ण सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह में विशेष लाभ मिलता है.

02 अक्तूबर, 2009

स्वाइन फ्लू से बचाव

बचाव के उपाय-
१- तुलसी की पाँच पत्तियां, तीन काली मिर्च के दाने, गुर्च, एक ग्राम अदरक सभी को मिलकर चाय या काढा बनाकर दिन मैं दो-तीन बार पियें।
२- भू आंवला का बीस ग्राम पंचांग चूर्ण दो कप पानी मैं उबालकर जब आधा कप पानी रह जाए तो इसे छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए। भू आंवला की तब्लेट्स व् सीरप भी बाज़ार मैं उपलब्ध है।
३- संजीवनी बटी की एक या दो गोली सुबह-शाम शहद के साथ सात दिनों तक लेने से बचाव होगा।
४- आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से जे मंगल रस, स्वर्ण बसंत मालती और महाम्रगांक रस अदि का प्रयोग लाभकारी रहेगा।

ध्यान देने योग्य बातें-
* सफाई का विशेष ध्यान रखें। कुछ भी खाने से पहले, खांसने या छींकने के बाद, बाथरूम का दरवाजा या हेंडल चूने के बाद, सार्वजानिक जगहों पर कोई भी चीज छूने के बाद अपने हाथ साबुन से जरुर धोएं
* मुहं और नाक पर मास्क का प्रोयोग करें।
* भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
* घर और पर्यावरण को साफ़ रहें।
* ताज़ा भोजन करें और सात से आठ घंटे की पूरी नींद लें।
* घर मैं जडी- बूटियों से निर्मित हवन सामग्री से हवन करने से वायु शुद्ध होती है.

27 सितंबर, 2009

स्वामी रामदेव के कुछ upchar

सर्दी, जुकाम ,ज्वर (कोल्ड,फीवर)- ७ तुलसी के पत्ते और ५ लौंग लेकर टुकड़े-टुकड़े करके एक गिलास पानी मैं पकाएं। पानी जब आधा रह जाए तब थोड़ा सेंधा नमक डालकर गर्म-गर्म पी जायें। यह काढा पीकर कुछ समय के लिए चादर ओढ़कर पसीना ले लें। इससे ज्वर तुंरत उतार उतार जाता है और सर्दी, जुकाम और खांसी भी ठीक हो जाती है। इस कधे को दिन मैं २-३ बार ले सकते हैं।

छोटे बच्चों को सर्दी, जुकाम व कफ होने पर तुलसी व अदरक का रस ५-७ बूँद शहद मैं मिलाकर चटाने से रहत मिलती है।

बातें मसालों की


छोटी इलायची- इसके बीजों का प्रयोग किया जाता है। ये हलके हरे रंग की छोटी फली के अंदर होते हैं.बीजों का रंग हल्का बादामी या बादामी काला होता है। गहरे रंग के बीज ज्यादा सुगन्धित होते हैं, हलके रंग वाले सूखे बीज होते हैं वे अविकसित होते हैं.