बचाव के उपाय-
१- तुलसी की पाँच पत्तियां, तीन काली मिर्च के दाने, गुर्च, एक ग्राम अदरक सभी को मिलकर चाय या काढा बनाकर दिन मैं दो-तीन बार पियें।
२- भू आंवला का बीस ग्राम पंचांग चूर्ण दो कप पानी मैं उबालकर जब आधा कप पानी रह जाए तो इसे छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए। भू आंवला की तब्लेट्स व् सीरप भी बाज़ार मैं उपलब्ध है।
३- संजीवनी बटी की एक या दो गोली सुबह-शाम शहद के साथ सात दिनों तक लेने से बचाव होगा।
४- आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से जे मंगल रस, स्वर्ण बसंत मालती और महाम्रगांक रस अदि का प्रयोग लाभकारी रहेगा।
ध्यान देने योग्य बातें-
* सफाई का विशेष ध्यान रखें। कुछ भी खाने से पहले, खांसने या छींकने के बाद, बाथरूम का दरवाजा या हेंडल चूने के बाद, सार्वजानिक जगहों पर कोई भी चीज छूने के बाद अपने हाथ साबुन से जरुर धोएं
* मुहं और नाक पर मास्क का प्रोयोग करें।
* भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
* घर और पर्यावरण को साफ़ रहें।
* ताज़ा भोजन करें और सात से आठ घंटे की पूरी नींद लें।
* घर मैं जडी- बूटियों से निर्मित हवन सामग्री से हवन करने से वायु शुद्ध होती है.
02 अक्टूबर, 2009
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nice post...kucch balo (hair) ke liye bhi likhen....
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